सूचना भवन, सरायकेला-खरसावाँ प्रेस विज्ञप्ति दिनांक– 07 अक्टूबर, 2025
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उपायुक्त नें सदर अस्पताल, सरायकेला का किया औचक निरीक्षण — रात्रिकालीन चिकित्सा सेवा सुदृढ़ करने एवं अस्पताल प्रबंधन में सुधार हेतु दिए आवश्यक निर्देश..
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री नितिश कुमार सिंह द्वारा आज सदर अस्पताल, सरायकेला का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने अस्पताल परिसर की स्वच्छता, बुनियादी सुविधाओं की स्थिति, चिकित्सकों की उपस्थिति, उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं एवं उपकरणों के उपयोग की विस्तृत समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान कुछ मरीजों द्वारा यह शिकायत की गई कि रात्रि के समय चिकित्सक उपलब्ध नहीं रहते तथा एम्बुलेंस सेवा समय पर नहीं मिलती, जिससे आपातकालीन स्थिति में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
उक्त शिकायत पर उपायुक्त ने सिविल सर्जन एवं अस्पताल उपाधीक्षक को कड़ी चेतावनी देते हुए निर्देश दिया कि रात्रिकालीन पाली में चिकित्सकों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और किसी भी स्थिति में अस्पताल में चिकित्सा सेवा बाधित न हो। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भविष्य में रात्रिकालीन ड्यूटी में चिकित्सकों की अनुपस्थिति पाई जाती है, तो संबंधित चिकित्सक एवं अस्पताल उपाधीक्षक के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने निम्न दिशा-निर्देश भी दिए —
1️⃣ स्वच्छता एवं व्यवस्थापन:
अस्पताल परिसर में स्वच्छता को प्राथमिकता दी जाए, अनुपयोगी एवं टूटी-फूटी सामग्रियों को तत्काल हटाया जाए, तथा सुव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
साथ ही, पार्किंग साइनबोर्ड के अतिरिक्त मरीज कक्ष, ऑपरेशन कक्ष, मेडिकल स्टोर, आपातकालीन वार्ड, प्रसूति गृह आदि स्थलों पर दिशा-सूचक साइनबोर्ड (Signage Board) लगाए जाएँ।
2️⃣ भवन एवं उपकरण रखरखाव:
अस्पताल के विभिन्न कक्षों में सीपेज (Seepage) की समस्या का समाधान किया जाए, खुले विद्युत तारों को सुरक्षित रूप से कवर किया जाए तथा लाइट, पंखा, स्विचबोर्ड आदि उपकरणों की नियमित जांच एवं कार्यशीलता सुनिश्चित की जाए।
3️⃣ मरीजों के लिए बुनियादी सुविधाएँ:
सभी वार्डों में आवश्यकता अनुसार गद्दा (मैट्रेस) एवं बेडशीट बदले जाएँ। शौचालयों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा डायलिसिस मशीनों के नियमित संचालन को सुनिश्चित किया जाए।
4️⃣ चिकित्सा सेवाओं का प्रभावी उपयोग:
पोर्टेबल एक्स-रे मशीन सहित अन्य चिकित्सीय उपकरणों का समुचित उपयोग किया जाए। नेत्र जांच एवं ऑपरेशन शिविरों के आयोजन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी आम जनता तक पहुँचाई जाए।
5️⃣ चिकित्सकों की कार्यशैली एवं उत्तरदायित्व:
चिकित्सकों को रोगियों के प्रति सहयोगात्मक, संवेदनशील एवं उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवहार अपनाने तथा अनावश्यक रेफरल से बचने का निर्देश दिया गया।
उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि सभी अस्पतालों में एम्बुलेंस सेवाओं का नियमित संचालन सुनिश्चित किया जाए एवं प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र को एम्बुलेंस सुविधा से टैग किया जाए। साथ ही, चिकित्सक क्वार्टरों की मरम्मति कर उन्हें आवासीय उपयोग हेतु तैयार रखने का भी निर्देश दिया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन चिकित्सकों की पदस्थापना सरायकेला-खरसावाँ जिले में है, किन्तु वे जिले के बाहर निवास करते हैं, उन्हें हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की सुविधा न दी जाए तथा उन्हें सरकारी आवास में आवंटित कर अस्पताल परिसर या निकट क्षेत्र में निवास सुनिश्चित किया जाए, ताकि उनकी उपलब्धता हर समय बनी रहे।
अंत में उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन आम नागरिकों को सुगम, सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही, उदासीनता या शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
