सूचना भवन, सरायकेला–खरसावाँ प्रेस विज्ञप्ति दिनांक— 09 दिसंबर 2025.
उपायुक्त की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न — प्रगति एवं क्रियान्वयन पर की गई व्यापक समीक्षा; संबंधित पदाधिकारियों को दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश….
समाहरणालय सभागार, सरायकेला में उपायुक्त श्री नीतिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, DRCHO, जिला समन्वयक जल जीवन मिशन तथा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) सहित अन्य संबंधित विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति, क्रियान्वयन की स्थिति, निर्माणाधीन संरचनाओं की गुणवत्ता, तथा फील्ड निरीक्षण प्रतिवेदनों का विस्तृत अवलोकन किया गया।
उपायुक्त ने कहा कि दोनों ही योजनाएँ नागरिकों के स्वास्थ्य, सम्मानपूर्ण जीवन एवं स्वच्छ वातावरण से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि योजनाओं की प्रगति पृथ्वी की गति की भाँति निरंतर, संतुलित, उद्देश्यपूर्ण एवं परिणाममुखी होनी चाहिए, जिससे जनहित सर्वोच्च प्राथमिकता पर बना रहे।
बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश:
▪️ जिले की सभी ग्राम पंचायतों में शत-प्रतिशत घरों को नल-जल योजना से जोड़ने का लक्ष्य प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए।
▪️ हर घर जल प्रमाणन केवल उन्हीं ग्राम पंचायतों में किया जाए जहाँ जलापूर्ति संरचनाएँ पूर्णत: कार्यशील एवं सुरक्षित हों।
▪️ निर्माणाधीन अथवा क्षतिग्रस्त संरचनाओं को तात्कालिक सुधारात्मक कार्रवाई के साथ दुरुस्त कर पूर्णत: क्रियाशील बनाया जाए।
▪️ कार्यान्वयन एजेंसियाँ गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समय-सीमा का कड़ाई से पालन करें; लापरवाही या निम्न गुणवत्ता पाए जाने पर नियमित प्रावधानों के अनुरूप कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
▪️ एस.बी.एस. निरीक्षण रिपोर्ट के अनुरूप सभी योजनाओं का जियो-टैगिंग कार्य त्वरित गति से पूर्ण कराया जाए।
▪️ पूर्ण योजनाओं का विधिवत हस्तांतरण संबंधित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (VWSC) को किया जाए।
▪️ स्वच्छता एवं पेयजल योजनाओं की सतत निगरानी, फील्ड सत्यापन एवं नियमित प्रगति प्रतिवेदन सुनिश्चित किया जाए।
उपायुक्त ने विभागों के मध्य प्रभावी समन्वय, संसाधनों के संतुलित व उत्तरदायी उपयोग, तथा कार्य-प्रगति की निरंतर निगरानी पर विशेष बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि फील्ड निरीक्षण को नियमित रखा जाए एवं आदर्श क्रियान्वयन पद्धति अपनाकर योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र परिवार तक समयबद्ध रूप से पहुँचाया जाए।
