सूचना भवन, सरायकेला–खरसावाँ प्रेस विज्ञप्ति दिनांक – 17 नवंबर, 2025.
उपायुक्त की अध्यक्षता में JSLPS एवं District Livelihood Coordination Committee की समीक्षा बैठक सम्पन्न….
आज समाहरणालय सभागार में झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन समाज (JSLPS) एवं District Livelihood Coordination Committee की समीक्षा बैठक उपायुक्त श्री नितिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में उप विकास आयुक्त सुश्री रीना हांसदा, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, DPM, JSLPS सहित अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में जिला एवं प्रखंड स्तर पर संचालित विभिन्न आजीविका संवर्धन योजनाओं, कार्यक्रमों तथा क्रेडिट लिंकेज से संबंधित प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को योजनाओं के शत–प्रतिशत क्रियान्वयन एवं समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा–निर्देश दिए।
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि प्रत्येक गाँव में “दिदी किराना दुकान” सहित स्वरोजगार-आधारित इकाइयों का संचालन सुनिश्चित किया जाए। इच्छुक दिदियों को ग्रोसरी दुकान, फास्ट फूड स्टॉल, होटल–रेस्टोरेंट, हार्डवेयर दुकान, पूजा सामग्री दुकान, बुक स्टोर, पेपर बैग निर्माण, प्लेट–कप निर्माण, क्राफ्ट एवं डेकोरेशन, सब्ज़ी दुकान, चाय–स्टॉल, पशुपालन, बांस शिल्प आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए स्वरोजगार से जोड़ने का निर्देश दिया गया।
उपायुक्त ने पशुपालन, संरक्षित फूलों की खेती तथा अन्य कृषि–आधारित गतिविधियों में दिदियों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराने पर बल दिया। साथ ही प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रेडिट लिंकेज के लंबित भुगतानों का शीघ्र निपटान करने तथा जो महिलाएँ दुकान, सेवा इकाई या ऑटो सेवा प्रारंभ करना चाहती हैं, उन्हें पात्रता के अनुरूप मुद्रा लोन उपलब्ध कराने के स्पष्ट निर्देश दिए।
बैठक में दिदी बगिया की प्रगति एवं उसके संचालन की समीक्षा भी की गई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप प्रगति में और तेजी लाई जाए, सभी FPOs को पूर्णतः क्रियाशील किया जाए तथा उनके टर्नओवर में वृद्धि हेतु आवश्यक कदम सुनिश्चित किए जाएँ।
उपायुक्त ने विभागों एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक महिलाओं को आजीविका योजनाओं से जोड़ते हुए प्रशिक्षण, क्रेडिट लिंकेज, बाजार जोड़न, उद्यमिता विकास तथा फील्ड निगरानी को और मजबूत किया जाए, ताकि दिदियों को स्थायी एवं सतत आजीविका का स्रोत प्राप्त हो सके तथा उनका आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जा सके।
