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सूचना भवन, सरायकेला-खरसावां प्रेस विज्ञप्ति दिनांक: 10 जून 2025

Publish Date : 11/06/2025

आदिवासी समुदायों के सतत विकास हेतु सरायकेला-खरसावां में चलाया जा रहा ‘धरती आबा जन भागीदारी अभियान

सरायकेला-खरसावां जिले में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) एवं धरती आबा जन भागीदारी अभियान के अंतर्गत प्रखंड कुचाई, चांडिल एवं नीमडीह के 43 चयनित ग्रामों/टोलों में तथा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत जिले के सभी प्रखंडों के कुल 496 चयनित आदिवासी बहुल ग्रामों में 15 जून 2025 से 30 जून 2025 तक Awareness and Saturation Campaign का आयोजन किया जा रहा है।

इस अभियान के तहत आधार, राशन कार्ड, किसान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड समेत अन्य आवश्यक सेवाओं की स्थलीय सेवा वितरण प्रणाली (on-the-ground service delivery) के माध्यम से आमजन को लाभान्वित किया जाएगा।

चयनित ग्रामों का विवरण:
प्रखंडवार चयनित ग्रामों की संख्या निम्नानुसार है:
सरायकेला-123, खरसावां-22, कुचाई-49, राजनगर-70, गम्हरिया-126, चांडिल-38, नीमडीह-17, ईचागढ़-16 तथा कुकड़ू-35।
इस अभियान के माध्यम से कुल 82,176 परिवारों एवं 2,28,580 व्यक्तियों को लक्षित किया गया है।

में शामिल हैं:पांच वर्षीय समेकित विकास योजना (2024-25 से 2028-29 तक):

भारत सरकार के 17 मंत्रालयों द्वारा 25 से अधिक प्रमुख योजनाओं का क्रियान्वयन सैचुरेशन मोड में किया जाएगा। इन योजनाओं में शामिल हैं:

प्रधानमंत्री आवास योजना

जल जीवन मिशन

संपर्क पथ निर्माण

विद्युतीकरण एवं ऑफ-ग्रिड सोलर संयंत्र

मोबाइल मेडिकल यूनिट

आयुष्मान भारत योजना

उज्ज्वला योजना (एलपीजी कनेक्शन)

आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण

छात्रावास निर्माण

पोषण वाटिका

मोबाइल कनेक्टिविटी

स्किल डेवलपमेंट सेंटर

ट्राइबल डिजिटल पहल

ट्राइबल मार्केटिंग सेंटर

वन अधिकार पट्टा से आच्छादित व्यक्तियों को सतत कृषि

पशुपालन, मत्स्य पालन एवं क्षमता निर्माण

ट्राइबल होम स्टे परियोजना

ट्राइबल मल्टीपरपज मार्केट सेंटर का निर्माण

प्रत्येक प्रखंड में एक ‘ट्राइबल मल्टीपरपज मार्केट सेंटर’ का निर्माण:
प्रत्येक इकाई केंद्र की अनुमानित लागत ₹1 करोड़ है, जिसमें 3900 वर्ग फीट क्षेत्र में कार्यालय, गोदाम, शौचालय एवं 15 दुकानों का निर्माण प्रस्तावित है। जिला स्तर पर सभी 09 प्रखंडों में भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव संबंधित विभाग को भेजा जा चुका है।

यह अभियान आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने, सशक्त बनाने और समावेशी विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।