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सूचना भवन, सरायकेला-खरसावाँ प्रेस विज्ञप्ति दिनांक– 13 अक्टूबर, 2025.

Publish Date : 16/10/2025

अवैध अफीम की खेती रोकने हेतु कुचाई प्रखंड के दलभंगा में “Pre-Cultivation Drive” के अंतर्गत जन संवाद कार्यक्रम आयोजित की गई, किसानों को वैकल्पिक खेती एवं सरकारी योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया।
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जिला प्रशासन, सरायकेला-खरसावाँ द्वारा अवैध अफीम की खेती रोकने हेतु राज्य सरकार के निर्देशानुसार दिनांक 03 अक्टूबर से 17 अक्टूबर, 2025 तक “Pre-Cultivation Drive” संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में आज कुचाई प्रखंड के एस.एस. हाई स्कूल, छात्रावास परिसर दलभंगा में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में जिला उद्यान पदाधिकारी श्री विश्वजीत कुमार सिन्हा, उप निदेशक आत्मा श्री विजय कुमार सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, जिला परिषद सदस्य, थाना प्रभारी कुचाई, स्थानीय मुखिया, ग्राम प्रधान, मनकी–मुंडा एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर उपायुक्त श्री नितिश कुमार सिंह ने कहा कि अफीम की अवैध खेती न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह समाज, परिवार और विशेष रूप से युवाओं के भविष्य के लिए अत्यंत घातक है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अफीम जैसी अवैध खेती छोड़कर खरीफ–रबी फसलों, बागवानी एवं फल–सब्जी की वैकल्पिक खेती अपनाएं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण एवं योजनागत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि प्रशासन का उद्देश्य दंडात्मक कार्रवाई नहीं, बल्कि जागरूकता, आजीविका संवर्धन एवं सामाजिक सशक्तिकरण है। उन्होंने बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह पंचायत स्तर पर बढ़ती जागरूकता का प्रतीक है। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए महिलाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है — परिवार एवं समाज के समग्र विकास के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।

उपायुक्त ने आगे कहा कि स्थानीय उत्पाद एवं वन उपज को उचित मूल्य एवं बाज़ार उपलब्ध कराने हेतु कार्य योजना बनाई जा रही है। अफीम की खेती न केवल भूमि की उर्वरक क्षमता को समाप्त कर देती है, बल्कि धीरे-धीरे भूमि को बंजर बना देती है, जिससे अन्य वैकल्पिक फसलें भी नहीं उग पातीं। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें और विकास की मुख्यधारा से जुड़ें।

उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामसभा के माध्यम से योजनाओं का चयन कर प्रखंड कार्यालय तक भेजा जाए ताकि योजनाओं को समय पर अनुसूचित किया जा सके। उपायुक्त ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि ग्रामसभा आयोजित क्षेत्रों में उपजाने योग्य फसलों के अनुरूप किसानों की सूची तैयार कर आवश्यक बीज वितरण की प्रक्रिया सुनिश्चित करें।

पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश लुनायत ने अपने संबोधन में कहा कि अफीम की खेती पूरी तरह से अवैध है और इसमें संलिप्त पाए जाने पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अधिकतम 20 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि कई गांवों ने ग्रामसभा के माध्यम से सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया है कि अब अफीम की खेती नहीं की जाएगी — यह एक सराहनीय कदम है। पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों से अपील की कि वे स्वयंसेवी अभियानों के माध्यम से इस कुरीति का उन्मूलन करें और वैकल्पिक खेती अपनाने में प्रशासन का साथ दें।

इस दौरान कृषि विभाग द्वारा किसानों को सरसों, चना, मटर सहित अन्य वैकल्पिक फसलों के बीज वितरित किए गए। साथ ही चयनित लाभुकों के बीच मनरेगा, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, साइकिल, , फूलो-झानो आशीर्वाद योजना, धोती-साड़ी, SHG क्रेडिट लिंकेज वितरण योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) समेत विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।

कार्यक्रम में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर योजनाओं से संबंधित जानकारी दी गई। साथ ही योजनाओं के लाभ हेतु इच्छुक लाभुकों से आवेदन लिए गए तथा ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं से संबंधित आवेदन भी प्राप्त किए गए।

जन संवाद के क्रम में रुगुडीह ग्राम निवासी श्री मधुसूदन मुंडा ने ग्रामीणों की ओर से कहा कि धुनाडीह से बुरुडीह सड़क निर्माण सहित पंचायत के विभिन्न गांवों को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण एवं आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य कराया जाए। उन्होंने आगे कहा कि बुरुडीह पंचायत में खराब ट्रांसफॉर्मर को शीघ्र दुरुस्त करते हुए विद्युत आपूर्ति सेवा बहाल की जाए। श्री मुंडा ने यह भी कहा कि पंचायत के युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में सकारात्मक पहल की जाए ताकि स्थानीय युवाओं को पलायन न करना पड़े।

कार्यक्रम में उपस्थित माननीय सांसद प्रतिनिधि, जिला परिषद सदस्य समेत अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को स्थानीय भाषा में अफीम की अवैध खेती के दुष्परिणाम, इससे समाज एवं परिवार पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी दी तथा वैकल्पिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम समाप्ति पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने स्थानीय जनता से आग्रह किया कि वे अफीम जैसी अवैध फसलों से दूरी बनाकर वैकल्पिक खेती को अपनाएँ तथा प्रशासन द्वारा दी जा रही योजनाओं एवं प्रशिक्षण का लाभ उठाएँ। जिला प्रशासन आगे भी इस संवेदनशील मुद्दे पर निरंतर निगरानी एवं सहायता प्रदान करता रहेगा।

 

 

 

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