सूचना भवन, सरायकेला-खरसावां प्रेस विज्ञप्ति दिनांक: 23 जून 2025
आईईसी गतिविधियों को लेकर उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैठक सम्पन्न…
समाहरणालय स्थित सभागार में उप विकास आयुक्त सुश्री रीना हांसदा की अध्यक्षता में आईईसी गतिविधियों को लेकर जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में निदेशक डीआरडीए डॉ. अजय तिर्की, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक समेत विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान उप विकास आयुक्त ने पूर्व की बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की और संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में राज्य स्तर से आवंटित आईईसी मद की राशि के उपयोग की समीक्षा करते हुए सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि वे अपने विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु स्थानीय संदर्भ में उपयुक्त कार्यक्रमों की कार्ययोजना तैयार कर उसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
स्थानीय भाषा एवं प्रभावी प्रचार माध्यमों को दी जाए प्राथमिकता…
बैठक के दौरान उप विकास आयुक्त नें प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय भाषा का उपयोग करते हुए ऑडियो-विजुअल सामग्री, सेमिनार, शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री, लोकगीत, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर-बैनर, सामुदायिक बैठकें जैसे प्रभावी माध्यमों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उप विकास आयुक्त ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र—दोनों पर समान रूप से ध्यान केंद्रित कर योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुँचाई जाए।
डिजिटल व पारंपरिक माध्यमों के समन्वित प्रयोग पर बल…
उप विकास आयुक्त ने कहा कि सरकारी योजनाएं तभी सफल होंगी जब उनकी जानकारी अंतिम व्यक्ति तक सरल भाषा में पहुंचे। इसके लिए पारंपरिक और डिजिटल दोनों माध्यमों के समन्वित प्रयोग की आवश्यकता है। उन्होंने ऐसे कार्यालयों में LED स्क्रीन के माध्यम से ऑडियो-विजुअल प्रचार कराने का सुझाव दिया, जहाँ नागरिकों की आवाजाही अधिक होती है।
कार्यशालाओं एवं गोष्ठियों के माध्यम से जन-जागरूकता बढ़ाने का निर्देश…
उप विकास आयुक्त नें निर्देश दिया कि सभी संबंधित विभाग एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी आपसी समन्वय स्थापित करते हुए प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर कार्यशालाएं व गोष्ठियां आयोजित करें, जिनके माध्यम से आमजन को योजनाओं के लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी दी जा सके, जिससे प्रभावी जागरूकता सुनिश्चित हो सके।
