सूचना भवन, सरायकेला-खरसावां प्रेस विज्ञप्ति दिनांक: 18 जुलाई, 2025

जिला पंचायत संसाधन केंद्र, सरायकेला सभागार में ‘पंचायत नेत्री अभियान’ के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
“पंचायत नेत्री अभियान” से महिलाएं होंगी सशक्त एवं आत्मनिर्भर : उपायुक्त
अपनी इच्छाशक्ति को सशक्त कर अपने कर्तव्यों एवं अधिकारों का समुचित निर्वहन करें- उपायुक्त, सरायकेला-खरसावां
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सरायकेला-खरसावां: पंचायती राज विभाग, झारखंड सरकार के तत्वावधान में जिला पंचायत संसाधन केंद्र, सरायकेला के सभागार में पंचायत नेत्री अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री नितिश कुमार सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष श्री सोनाराम बोदरा, उपाध्यक्ष श्रीमती मधुश्री महतो एवं अन्य महिला जनप्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को सशक्त बनाना, नेतृत्व क्षमताओं का विकास करना तथा शासन की प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है।
उपायुक्त श्री नितिश कुमार सिंह ने कहा कि यह अभियान महिला प्रतिनिधियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि महिला मुखिया अपने पति के भरोसे सरकारी कार्यों का निष्पादन करती हैं, जिससे क्षेत्रीय जनता उन्हें ही वास्तविक प्रतिनिधि मानती है। इससे निजात दिलाने के लिए ‘पंचायत नेत्री अभियान’ की शुरुआत की गई है, ताकि महिला प्रतिनिधि स्वयं पंचायत स्तर पर निर्णय ले सकें और नेतृत्व कर सकें।
उपायुक्त ने प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पहल महिला नेतृत्व को केवल सम्मान ही नहीं देती, बल्कि उन्हें गांव के विकास की धुरी बनने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं केवल जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि बदलाव की अग्रदूत हैं और यह प्रशिक्षण उन्हें उस भूमिका के लिए और अधिक दक्ष बनाएगा।
उपायुक्त ने आगे कहा कि मजबूत समाज के निर्माण में मजबूत माँ, मजबूत बेटी और मजबूत बहू का सहयोग आवश्यक है। महिला जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए कदम समाज के समग्र विकास में सहायक होंगे। महिला प्रतिनिधि पारिवारिक, सामाजिक, शिक्षा एवं स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को मजबूती और स्पष्टता से रखती हैं।
उपायुक्त ने कहा कि समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु उन्हें विभिन्न पदों—चाहे राजनीतिक हो या शैक्षणिक—पर आरक्षण की व्यवस्था की गई है ताकि राज्य एवं राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने उपस्थित महिला प्रतिनिधियों को आह्वान किया कि वे अपनी इच्छाशक्ति को सशक्त कर अपने कर्तव्यों का समुचित निर्वहन करें, पंचायत के विकास की दिशा में कार्य करें, उपलब्ध संसाधनों एवं मानव बल का सदुपयोग करते हुए राजस्व संग्रहण की दिशा में भी कार्य करें ताकि वे पंचायत स्तर पर सशक्त बन सकें।
उपायुक्त ने अपने सम्बोधन में कहा कि 15वें वित्त आयोग की राशि का नियमानुसार उपयोग ऐसे कार्यों में किया जाए जिससे न केवल जनता को सुविधा मिले, बल्कि राजस्व संग्रहण के स्रोत भी विकसित हों और क्षेत्रीय विकास को गति मिले।
जिला परिषद अध्यक्ष श्री सोनाराम बोदरा ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने तथा रूढ़िवादी अवधारणाओं से बाहर लाकर जन विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में विभाग द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है। इस प्रशिक्षण से महिला जनप्रतिनिधियों का न केवल मनोबल बढ़ेगा, बल्कि वे विकास की गति को तेज करने तथा स्थानीय समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रभावी पहल कर सकेंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जब महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगी और आत्मनिर्भर बनेंगी, तब समाज का समग्र विकास सुनिश्चित होगा और अन्य महिलाएं भी प्रेरित होकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगी।
कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त सुश्री रीना हांसदा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री सुरेन्द्र उराव, जिला परिवहन पदाधिकारी श्री गिरजा शंकर महतो, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री कैलाश मिश्रा, जिला खेल पदाधिकारी श्री अमित कुमार समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं महिला जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।